Fascination About shiv chalisa in hindi
Fascination About shiv chalisa in hindi
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
स्वामी Shiv chaisa एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी